Sir Ratan Tata

Sir Ratan Tata की ज़िंदगी से जुड़े कुछ पहलुओ के बारे में, इस Blog में हम बात करने वाले हैं जैसे कि इतने सफ़ल होने के बाद भी उन्होंने शादी क्यों नहीं की? या फ़िर टाटा Empire इतना बड़ा हैं फ़िर भी सर रतन टाटा सबसे धनी लोगों की लिस्ट में क्यों नहीं आते?

तो चलिए शुरू करते हैं, वैसे तो सर रतन टाटा सर को किसी Introduction की ज़रूरत नहीं हैं। और इनकी लाइफ़ स्टोरी से सीख़ने के लिए बहुत कुछ हैं। अगर आप सफ़ल लोगों से सीख़ने में विश्वास रख़ते तो ये Blog आपके लिए हैं। तो आइए बात करते हैं Sir Ratan Tata के बारे में जो कि एक Industrialist और Tata Group के Former Chairman हैं। वो 1990 से 2012 तक टाटा Group के Chairman रहें और कुछ समय के लिए Interim Chairman भी रहें। सर रतन टाटा अपने Principles और Promises के लिए जाने जाते हैं। सर रतन टाटा दूसरे को नुक़सान पहुँचाने के लिए कभी बिज़नेस नहीं करते। शायद यही Quality हैं जो उन्हें बाक़ी लोगों से अलग़ बनाती हैं। और इसी वजह से लोग उन्हें “Man with No Haters” कहते हैं। मतलब जिससे कोई नफ़रत नहीं करता।

 

Early Life & Education:

Sir Ratan Tata का जन्म 28-December-1937 को गुजरात के सूरत में एक पारसी फ़ैमिली में हुआ। उनके पिता का नाम नवल टाटा था जो कि जमेशत जी टाटा के गोद लिए हुए बेटे थे। सर रतन टाटा जब 10 साल के थे तब उनके माता-पिता का Divorce हो गया था उसके बाद वो अपनी दादी जी के साथ रहे। रतन टाटा सर की प्राइमरी Education मुंबई के कैम्पीयन स्कूल से हुईं। और अपनी Secondary Education के लिए वो Cathedral and John Connon School गए। 1955 में Riverdale Country School, New York City से अपनी Graduation Complete की और उसके बाद 1959 में Cornell University से Architecture  की डिग्री हासिल की। सर रतन टाटा ने 1975 में Harward बिज़नेस स्कूल से 7 Weeks का Advance Management Program भी किया और उस समय उनकी उम्र 38 साल थी।

1. पहली बात Sir Ratan Tata से ये सीख़ने को मिलती हैं कि सीख़ने की कोई उम्र नही होती।

 

Career:

पढ़ाई पूरी करने के बाद Sir Ratan Tata ने कुछ समय के लिए Los Angeles में Jones and Emmons में काम किया।

1961 में भारत वापस आकर उन्होंने अपने Career की शुरुआत की अगर वो चाहते तो अपने Career के शुरुआती दौर से ही किसी अच्छी Position पर काम कर सकते थे लेकिन लोगों के काम और उनकी Problems को समझने के लिए उन्होंने टाटा स्टील जमशेदपुर में Shop Floor वर्कर का काम किया। और साथ ही साथ टाटा ग्रूप के और कामों के साथ भी जुड़े रहे।

2. दूसरी बात जो हमें Sir Ratan Tata से सीख़ने को मिलती हैं वो ये हैं कि एक अच्छा लीडर बनने के लिए Position से ज़्यादा Important हैं लोगों के बीच में रहकर उनकी स्थिति को समझना।

अपने काम और People Skills से 1972 से 1977 के बीच में उन्होंने टाटा ग्रूप की कम्पनी टाटा Nalco जो कि रेडीओ और Electronics कम्पनी हैं और Empress Mills को बहुत बड़े Loss से बाहर निकाला।

1981 में सर रतन टाटा, टाटा Industries के President बने और उनकी क़ाबिलियत को देखते हुए JRD टाटा ने 1991 में उन्हें Tata & Sons का उत्तराधिकारी बनाया।

आज टाटा Empire जिस मुक़ाम पर हैं वहाँ पहुँचना टाटा Empire के लिए सर रतन टाटा के बिना असम्भव था क्यूँकि बहुत सारे Losses से टाटा Empire को निकाल कर दुनिया की सबसे बड़ी Companies में खड़ा कर देना क़ोई आसान काम नही है।

3. तीसरी बात जो हम Sir Ratan Tata से सीख़ सकते हैं वो ये हैं कि ग्रोथ के लिए काबिल होना भी ज़रूरी हैं।

 

Noble Work:

टाटा ग्रूप Education, Medicine और Ruler Development को हमेशा से Support करता रहा हैं। जिसके कारण भारत में Tata Group या फ़िर Sir Ratan Tata को जरूरतमंदों की मदद करने वाले सबसे पहले व्यक्ति के रूप में भी जाना जाता है।

TATA Hall जो की University of California, San Diego में November 2018 में खोला गया। जिसका Purpose भारत और University of California की Biological and Physical Sciences की Research को Support करना था। इसके लिए Tata Trusts ने 70 Million Dollars की मदद की।

TATA ग्रूप ने भारतीय Students जो की Cornell University से अपनी Graduation कर रहे हैं, उनकी Study को सपोर्ट करने के लिए 28 Million Dollars का TATA Scholarship Fund Cornell University को Provide किया। ताकि किसी भी Indian Student को Funds की वज़ह से Education में दिक़्क़त न आए।

Tata Group of Companies और टाटा Charities ने 50 Million Dollars का Donation Harward Business School के Executive Eentre को Construct करने के लिए दिया। जिसका नाम रतन टाटा सर के नाम पर ही Tata Hall रखा गया।

Tata Consultancy Services ने Carnegie Mellon University को Cognitive System और Autonomous Vehicles की Research को Support करने के लिए 35 Million Dollars की Donation दी जो की किसी Private Company द्वारा दी जाने वाली सबसे बड़ी Donation थी।

Indian Institute of Technology, Bombay में Center for Technology and Design को Set-Up करने के लिए 950 Million Rupees और Indian Institute of Science में Alzheimer Disease की Research को Support करने के लिए Neurosciences Centre खोला गया जिसके लिए 750 Million Rupees, Sir Ratan Tata ने दिए।

इसके अलावा जब भी भारत देश ने किसी भी मुश्किल का सामना किया हैं उस मुश्किल समय में रतन टाटा सर मदद करने वालों में सबसे आगे रहे हैं। चाहे वो फिर वो कोई Flood की Situation हो या फ़िर Covid19 जब उन्होंने 1500 करोड़ रुपए का दान देकर देशवासियों का दिल जीत लिया था।

ये बात बहुत सारे लोग जानते होंगे कि जब मुंबई के ताज होटल पर Attack हुआ था तब सर रतन टाटा ने जितने भी लोग घायल हुए या मारे गए। उन सभी के परिवारों को Life Time Salary के बराबर का Compensation सिर्फ़ 20 दिन में दे दिया था।

लेकिन ये बहुत कम लोग जानते होंगे कि जितने लोग ताज होटल के बाहर थे चाहे फिर वो चाय का ठेला लगाने वाले हो, या पटरी पे समान बेचने वाले, यँहा तक की जो Police वाले घायल हुए उनको भी सर रतन टाटा ने Compensation दिया जबकि इन लोगों का ताज होटल से कुछ लेना देना नहीं था।

सर रतन टाटा की यही बात उन्हें बाक़ी समाज सेवा करने वालों से अलग बनाती हैं।

4. चौथी बात जो हम Sir Ratan Tata से सीख़ सकते हैं वो ये हैं कि लोगों की मदद करने से आज तक क़ोई गरीब नहीं हुआ और प्रत्येक धर्म में भी ये सीखाया जाता हैं कि व्यक्ति को अपनी Income का एक हिस्सा देश, समाज या फ़िर लोगों के लिए दान कर देना चाहिए।

ताज होटल पर अटैक से पहले Pakistan की सरकार ने हज़ारों टाटा Sumo का ऑर्डर Tata Motors दिया था इसी बीच ताज होटल पर अटैक हो गया और अटैक के बाद जब पाकिस्तान ने सर रतन टाटा को ऑर्डर ने के लिए कहा तो उन्होंने ये बोलते हुए उन्हें ऑर्डर देने से मना कर दिया की मुझे नुक़सान उठाना मंज़ूर हैं लेकिन मैं पाकिस्तान के साथ कोई Business नहीं करूँगा। उनकी ये Quality सिद्ध करती हैं कि वो एक सच्चे देशभक्त हैं।

5. पाँचवी बात जो हम Sir Ratan Tata से सीख़ सकते हैं वो ये हैं राष्ट्र के लिए अगर नुक़सान भी उठाना पड़े तो उठा लेना चाहिए।

 

Some Less Heard Stories About Sir Ratan Tata:

अब बात करते हैं सर रतन टाटा की लाइफ़ के कुछ दिलचस्प क़िस्सों के बारे में:

किस्सा न० 1

एक बार एक Interviewer ने रतन टाटा सर से पूछा कि आपको या टाटा ग्रूप को Luxury Cars का क़ोई Experience नहीं था और लोगों ने भी कहा था कि Jaguar ओर Land rover जैसी Cars के Business को ख़रीदना टाटा ग्रूप की बहुत बड़ी गलती होगी बावजूद इसके आपने Jaguar ओर Landrover को क्यों ख़रीदा।और रतन टाटा सर इसका जवाब देते हुए कहते हैं कि I don’t believe in taking right decisions. I take decisions and then make them right.

और देखा जाए तो बात सही भी हैं किसी decision को लेने से पहले ही क़ोई कैसे decide कर सकता हैं कि decision सही हैं या ग़लत। हाँ आप अपने                Experience के base पे किसी decision के सही या ग़लत होने की कल्पना ज़रूर कर सकते हैं। लेकिन आपकी कल्पना हमेशा सही हो ये सम्भव नहीं।आपको जानकार हैरानी होगी की Jaguar ओर Landrover आज टाटा ग्रूप के सबसे Profitable Businesses में से एक हैं।

6. छठी बात जो हम Sir Ratan Tata से सीख़ सकते हैं वो ये हैं कि किसी भी decision के सही या ग़लत का फ़ैसला उस decision को लिए बिना नहीं किया जा सकता।

 

किस्सा न० 2

सर रतन टाटा बताते हैं कि जब उन्होंने पहली बार Indian Car बनाने के का Decision लिया तब सभी लोगों ने उन्हें ऐसा करने के लिए मना किया यहाँ तक कि उनके दोस्तों ने भी कहा की आपको Commercial Vehicle का Experience हैं और Car बनाने के लिए आपको दूसरी Companies के साथ Collaboration करना चाहिए। पर रतन टाटा सर ने ऐसा नहीं किया और अपनी पहली Indian कार को 1998 में Launch कर दिया। जिसका नाम Indica था। इंडिका ने शुरुआत में ही 20% का मार्केट Share Capture कर लिया। लेकिन फिर बहुत जल्द Indica की Sales गिर गयी और 1999 में रतन टाटा सर ने Indica को Sale करने का फ़ैसला किया और Ford Company के Chairman Bill Ford से बात करने के लिए सर रतन टाटा अपनी टीम के साथ USA गए। ये मीटिंग 3 घंटे तक चली और इस मीटिंग में सर रतन टाटा को ये बोलकर Humiliate किया गया की अगर आपको कार बनाने आती ही नहीं तो कार का Business करना ही नहीं चाहिए था। इस मीटिंग में Ford के Chairman Bill Ford ने इतना तक कह दिया कि Indica को ख़रीद के Ford Company उनके ऊपर अहसान करेगी। मीटिंग से बाहर निकलने के बाद रतन टाटा सर शांत थे और उन्होंने Decide कर लिया था कि अब वो Indica को नहीं बेचेंगे। इंडिया वापस आने के बाद उन्होंने अपने कार के Business पर Focus करके TATA Motors को आगे बढ़ाया और 9 साल बाद Year 2008 में Ford Company Bankruptcy File करने की Situation में आ गयी थी और तब रतन टाटा ने Ford की Luxury कार Division की Jaguar और Landrover को ख़रीदने की इच्छा जताई और इस बार Bill Ford, Mumbai में टाटा Headquarters में सर रतन टाटा से मिलने आए। ये डील 2.3 Billion Dollars में फ़ाइनल हुईं और बिल फ़ोर्ड ने सर रतन टाटा को कहा कि आप Jauguar और लैंड रोवर का Business ख़रीद कर फ़ोर्ड Motor Company पर अहसान कर रहें हैं।

7.सातवी बात जो हमें सीख़ने को मिलती हैं वो ये हैं कि अगर आप मेहनत करने के साथ धैर्य रख़ते हैं तो आपका समय ज़रूर बदलता हैं।

 

किस्सा न० 3

एक बार सर रतन टाटा से उनकी Company के एक Manager उनसे पूछा कि सर मैं अपने Pen को कितना भी सम्भाल के रखूँ, लेकिन वो खो ही जाता हैं इस तरह आज तक मेरे बहुत सारे पेन खो चुके हैं। सर रतन टाटा मैनेजर की बात को ध्यान से सुना और उसका जवाब देते हुए कहा कि तुम सोने का एक पेन बनवा लो। मैनेजर को सर रतन टाटा  की बात अजीब लगी और उसने सोचा की सोने का पेन खो गया तो बहुत नुक़सान हो जाएगा। लेकिन सर की Advice थी और पेन खोने की समस्या का समाधान भी चाहिए था तो उन्होंने सोने का पेन बनवा लिया। कुछ समय बाद जब वो सर रतन टाटा से मिला तो उसने सर से पूछा कि सर मैंने सोने कि पेन बनवाया और बाक़ी पेन की तरह ये पेन नहीं खोया लेकिन ऐसा क्यों हुआ ये मैं समझ नहीं पाया।

तब सर रतन टाटा ने मैनेजर को समझाते हुए कहा कि ये इंसान की आदत होती हैं कि वो क़ीमती चीज़ की ज़्यादा Care करता हैं और सोने का पेन साधारण Pen से बहुत क़ीमती हैं इसलिए ये नहीं खोया।

8. आठवीं बात जो हम सीख़ सकते हैं वो ये हैं कि लाइफ़ में क़ीमती चीजों की Value अपने आप हो जाती हैं। इसलिए Learning के Through अपनी Value को बढ़ाते रहना ज़रूरी हैं।

 

किस्सा न० 4

February 6 2018 को Prince Charles सर रतन टाटा को उनकी Philanthropy(परोपकारी कामों) के लिए उन्हें Life Time Achievement Award देना चाहते थे। London के Buckingham Palace में सारी तैयारियाँ हो चुकी थी। लेकिन तभी सर रतन टाटा के एक Dog की तबियत ख़राब हो जाती हैं और वो ये कहकर Prince Charles को अपने न आने की खबर देते हैं कि मैं ऐसी Situation में अपने Dog को अकेला नहीं छोड़ सकता।

9. नौवीं बात जो हम सीख़ सकते हैं वो ये हैं अपनो से ज़रूरी कुछ नहीं। न ही कोई सम्मान और न ही पैसा।

 

Life Style and Personality:

  • सर रतन टाटा को उनके Humble और Down to Earth Behaviour के लिए People Man भी कहा जाता हैं।
  • सर रतन टाटा Animal Lover हैं और उनके पास Pet Dogs भी हैं।
  • सर रतन टाटा सुबह जल्दी उठकर अपनी Better Health के लिए Morning walk और Meditation करते हैं।
  • सर रतन टाटा Car Lover होने के साथ साथ एक Licenced Pilot भी हैं। और वो अपना Personal Jet खुद ही उड़ाना पसंद करते हैं।
  • सर रतन टाटा अपने Free Time में Books पढ़ना भी पसंद करते हैं।

 

About Marriage:

As per Wikipedia: रतन टाटा सर की Life में 4 बार ऐसी Situations आयी जहां उनकी शादी होना लगभग तय था। लेकिन हर बार किसी न किसी कारण की वज़ह से उनकी शादी नहीं हुई। रतन टाटा सर को अपने Career के शुरुआती दिनों में जब वो Los Angeles में काम करते थे उस समय एक लड़की से प्यार हो गया था। उसी समय सर रतन टाटा की दादी की तबियत बिगड़ गई और उन्हें India वापस आना पड़ा और जिस लड़की से सर रतन टाटा प्यार करते थे। उसके Parents ने लड़की को रतन टाटा सर के साथ नहीं आने दिया। क्योंकि उस समय Indo-China War चल रहा था। कुछ समय के बाद लड़की के Parents ने उसकी शादी किसी और के साथ करवा दी लेकिन सर रतन टाटा ने उस लड़की को दिए हुए Commitment की वज़ह से आज तक शादी नही की।

10. दसवी बात जो हम सीख़ सकते हैं वो ये हैं कि आपके शब्द सिर्फ़ बोलने के लिए नहीं निभाने के लिए होने चाहिए।

 

Achievements:

  1. Tata Group आज सबसे ज़्यादा रोज़गार देने वाली Private Companies में से एक हैं।
  2. आज Tata Group का business 100 से भी ज़्यादा देशों में हैं। और Tata Group के Under अभी 30 Companies हैं। और ये 30 Companies एक दिन में नहीं बनी। इन्हें बनने में 150+ Years का समय लगा हैं।
  3. सर रतन टाटा के 21 सालों के Career के दौरान टाटा ग्रूप का Revenue 40 गुना और Profit 50 गुना तक बढ़े। जो कि किसी भी Business Group की एक बहुत बड़ी Achievement हैं।
  4. रतन टाटा सर को Third Highest Civilian अवार्ड पद्म भूषण से Year 2000 में सम्मानित किया गया।
  5. 2008 में भारत का Second Highest Civilian अवार्ड पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया।
  6. रतन टाटा सर को असम वैभव से भी सम्मानित किया गया हैं जो की असम का Highest Civilian Award हैं।
  7. रतन टाटा सर ने बुक भी लिखी जिसका नाम The Wit and Wisdom of रतन टाटा हैं।

बहुत कम लोगों को ये बात पता होगी कि झारखंड के पूर्व CM श्री रघुबर दास ने 17 साल तक TATA फ़ैक्टरी में काम किया हैं।

11. 11वी बात जो हम Sir Ratan Tata से सीख़ सकते हैं वो ये हैं कि एक ही लाइफ़ में बहुत सारी Achievements हासिल की जा सकती है।

 

About Cyrus Mistry:

2012 में जब सर रतन टाटा ने टाटा ग्रूप से resign किया तब Cyrus Mistry को टाटा ग्रूप का नया Chairman बनाया गया। लेकिन 2016 October में Cyrus Mistry को टाटा ग्रूप के Chairman की Position से हटा दिया गया और सर रतन टाटा को Interim Chairman बनाया गया। Cyrus Mistry को टाटा ग्रूप के Chairman की Position से हटाने के कई कारण सुनने को मिलते हैं। लेकिन जो सबसे ज़्यादा चर्चित रहा वो Japanese Company NTT Docomo के TATA Teleservices के साथ किए गए Alliance से Exit को Cyrus Mistry ठीक से हैंडल नहीं कर पाए। और वो Japanese Company को किए गए वादों को पूरा नहीं करना चाहते थे। और रतन टाटा को ये बात नापसंद थी। क्योंकि सर रतन टाटा सदैव अपने Business Ethics और अपने शब्दों को Follow करने के लिए जाने जाते हैं। 

इस एक Issue की वज़ह तक सर रतन टाटा को क़ानूनी उलझनों में उलझना पड़ा।

Year 2016 में Cyrus Mistry को टाटा ग्रूप की chairman position से हटाया गया और Year 2017 में Natarajan Chandrasekaran को टाटा ग्रूप का नया Chairman बनाया गया।

12. 12वी बात जो हम Sir Ratan Tata से सीख़ सकते हैं वो ये हैं कि अपनी बनायी हुईं नितिया सर्वोपरि होनी चाहिए।

 

Why is Sir Ratan Tata not among the Richest?

जब सर रतन टाटा के बारे में बात हो रही हैं तो इस सवाल की उत्पत्ति सम्भव हैं की इतने सारे Successful Business होने कि बाद भी वो Rich लोगों की लिस्ट में क्यों नहीं हैं?

तो इसका कारण हैं जमशेदजी टाटा द्वारा बनाए गए टाटा ग्रूप के सिद्धांत कि Tata Group of Companies के Profit का 60% से ज़्यादा हिस्सा Donation के रूप में Country को Serve करने के लिए Use किया जाएगा। और रतन टाटा सर अपने Business में अपनी Personal Share Holding भी नहीं बढ़ाते जैसे बाक़ी के Business Man करते हैं। अगर रतन टाटा सर भी ऐसा करते तो शायद वो इंडिया के तो क्या World के Richest Man भी बन चुके होते।

सर रतन टाटा भारत को एक खुशहाल देश बनाने में यक़ीन रखते हैं इसलिए वो देश और देशवासियों के लिए वो सब करने की कोशिश करते हैं जो वो कर सकते हैं।

देश के हित में काम करते हुए सर रतन टाटा ने टाटा Swach नाम से एक Water Purifier भी लॉंच किया जिसकी क़ीमती उन्होंने 1500 रुपए से भी कम रखी। टाटा Nano जैसी कार बनाकर उन्होंने कम आय वालों के कार लेने के सपने को साकार करने में मदद की।

TATA India की सबसे बड़ी Company हैं। टाटा Company की Valuation के सामने Reliance और Adani ग्रूप भी छोटे हैं।

13. 13वी बात जो हम Sir Ratan Tata से सीख़ सकते हैं वो ये हैं लोगों के लिए काम करने वालों के पास पैसा अपने आप आता हैं।

 

अगर आपको ये Blog अच्छा लगा तो इसे Like और Share ज़रूर करे ताकि ज़्यादा से  ज़्यादा लोग Sir Ratan Tata के जीवन से कुछ सीख सके।

आप अपना Feedback मुझे Comment करके भी बता सकते हैं। 

Most importantly, अगर आप Website पर नए हैं तो New Stories and Blog के Update लिए हमें Subscribe करना  भूले।

ऐसी ही Information और Learning videos को देखने के लिए आप मेरे Youtube Channel को Subscribe कर सकते हैं।

YouTube Channel: @MKMauryavanshi

सर रतन टाटा अभी 84 years के हैं और हम उनकी अच्छी हेल्थ की कामना करते हुए इस Blog को समाप्त करते हैं।

 

जाने से पहले आपके लिए एक सवाल?

क्या आप जानते हैं कि सर रतन टाटा के नाम से पहले सर क्यों लगाया जाता हैं?

अगर आपको पता हैं तो जल्दी से Comment बॉक्स में Type करके मुझे बताए।

मिलते हैं फिर एक नए Blog या Story के साथ।

 

आपका मित्र 

एम॰ के॰ मौर्यावंशी