Dr APJ Abdul Kalam

Dr APJ Abdul Kalam जो कि भारत के 11वे राष्ट्रपति भी रह चुके हैं और हम उन्हें Missile Man के नाम से भी जानते हैं। इस Blog में हम उन्ही के बारें में बात करने वाले हैं।

वैसे तो Dr APJ Abdul Kalam की पूरी लाइफ़ को Series of Learning के तौर पर देखा जा सकता हैं तो आइए देखते हैं इनकी story से हम क्या सीख सकते हैं।

 

Early Life:

Dr APJ Abdul Kalam का जन्म 15-October-1931 को उस समय के Pamban Island के गाँव में एक 5 बहन भाइयों के गरीब परिवार में हुआ। Dr APJ अब्दुल कलाम का पूरा नाम Avul Pakir Jainulabadeen अब्दुल कलाम था। पिता नाव चलाने का काम करते थे, और उनकी कमाई से घर का खर्च भी बहुत मुश्किल से चल पाता था।

1. पहली बात हमें ये सीख़ने को मिलती हैं कि आप अगर गरीब परिवार से आते हैं तब भी लाइफ़ में बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं।

 

Education:

Dr APJ Abdul Kalam अपनी शुरुआती पढ़ाई के लिए अपने गाँव के सरकारी School में गए। कलाम Sir पढ़ाई में बहुत अच्छे तो नहीं थे लेकिन उनके बड़े सपने और देश के लिए कुछ करने की चाहत उन्हें बाक़ी लोगों से अलग करती हैं। ग़रीब परिवार से होने के कारण वो अपने परिवार की सहायता और पढ़ाई का ख़र्च उठाने के लिए अख़बार बेचने का काम भी अपनी पढ़ाई के साथ करते थे।

2. दूसरी बात हमें ये सीख़ने को मिलती हैं कि आप अगर किसी काम को करना चाहते हैं तो उसके लिए किसी और पर उस काम के लिए निर्भर रहने की ज़रूरत नहीं। आप खुद भी अपने दम पर उस काम को Support कर सकते हैं जैसे कलाम सर ने अपनी पढ़ाई और परिवार को किया।

शुरुआती पढ़ाई के बाद वो अपनी Higher Schooling के लिए अपने पड़ोस के गाँव के Schwartz Higher Secondary स्कूल गए। 

1954 में Saint Joseph College से Physics में ग्रैजूएशन की ।

अपनी ग्रैजूएशन के बाद वो Madras Institute of Technology Aerospace की पढ़ाईं के लिए पहुँच गए।

वहाँ उनके पास देने के लिए फ़ीस नहीं थी। तब उन्हें Scholarship के लिए College से एक Project दिया गया। लेकिन किसी कारण से वो प्रोजेक्ट को टाइम से पूरा नहीं कर पाए। Scholarship उनके हाथ से जा ही रही थी। लेकिन कहा जाता हैं कि अगर आप किसी चीज़ को शिद्दत से चाहो तो वो आपको मिल ही जाती हैं। कलाम Sir की ज़रूरत और Fighter जेट में उनका interest देखते हुए Professor ने उन्हें प्रोजेक्ट Complete करने के लिए 3 दिन का Extra टाइम दिया और फिर क्या था कलाम Sir ने अगले 3 दिनों और रातों को एक करके प्रोजेक्ट को पूरा किया और Scholarship हासिल की।

3. तीसरी बात हमें ये सीख़ने को मिलती हैं कि अगर आप किसी चीज़ को शिद्दत से चाहो तो वो आपको मिल ही जाती हैं।

 

Career and Failure:

1960 में Dr APJ Abdul Kalam ने अपनी Engineering पूरी की और उसके बाद उन्हें हिंदुस्तान Aironotics Limited में नौकरी मिल गयी। कुछ समय नौकरी की लेकिन उनका सपना और चाहत अब पायलेट बनने की थी तो उसके लिए वो देहरादून चले गए। जहाँ 25 में से सिर्फ़ 9 लोगों को चुना गया और कलाम Sir उस लिस्ट में 10वे नम्बर पर थे। कलाम सर को यहाँ निराशा हाथ लगी। और उनका Admission नहीं हुआ।

4. चौथी बात हमें ये सीख़ने को मिलती हैं कि असफलताए जीवन का हिस्सा हैं इन्हें स्वीकारना ही सफ़लता की तरफ़ जाने का पहला कदम हैं।

उसके बाद वो दिल्ली गए और Defence Research and Development Organisation(DRDO) में Scientist की Position पर Helicopters Designing का काम किया। और जल्द ही विक्रम सराभाई की टीम में प्रोमोट हो गए। 1963 में Kalaam Sir को 6 Months की ट्रैनिंग के लिए NASA भेजा गया। अपनी Autobiography में कलाम सर लिखते हैं NASA में उनकी ट्रैनिंग के दौरान वहाँ के एक Professor ने कलाम सर की प्रतिभा की तारीफ़ करते हुए उन्हें अमेरिका में ही रहने के लिए कहा और साथ ही साथ वहाँ की Citizenship और India में मिलने वाली सैलरी से 5 गुना ज़्यादा सैलरी देने का ऑफ़र दिया। एक बार तो कलाम सर भी इतने बड़े ऑफ़र को सुन कर डगमगा गए थे। और सोचने लगे थे की यहाँ रुकना ज़्यादा फ़ायदेमंद हैं। लेकिन उनका देश से प्रेम उन्हें वापस भारत ले आया।

5. पाँचवी बात हमें ये सीख़ने को मिलती हैं कि देश सदैव सर्वप्रथम रखना चाहिए।

1969 में उन्हें वहाँ से ISRO भेज दिया गया जहाँ उन्होंने Project Director की Position पर काम किया।

1969 से 1979 के बीच में ए पी जे कलाम सर ने जी जान लगा के मेहनत की। एक दिन में 18-18 घंटे काम किया और वो भी बिना किसी छुट्टी के। अपने काम में इतने खो गए थे की अपनी सगाई में जाना ही भूल गए थे।

इतनी मेहनत के बाद भी Satellite Launch Vehicle, Fail हो गया। Dr APJ Abdul Kalam बहुत निराश थे और अंदर से टूट भी गए थे। मीडिया को भी जवाब देना था क्योंकि देश का पैसा मिशन में Waste हो गया था लेकिन तभी Professor धवन जो कलाम सर के Senior थे, उन्होंने मीडिया को कहा कि ये टीम अगले साल SLV-3 को सफलतापूर्वक Launch करेंगी। और 1980 में Failure से सीखते हुए, कलाम सर और उनकी टीम ने SLV-3 को सफलतापूर्वक लॉंच किया। और इस बार पूरे देश को कलाम सर और उनकी टीम पर गर्व था।

6. छठी बात हमें ये सीख़ने को मिलती हैं कि किसी कार्य में असफलता मिलने की वज़ह से उसे छोड़ना नहीं चाहिए बल्कि और मेहनत करके उसे सफ़ल बनाना चाहिए।

 

Achievements:

कलाम सर की अभी तक की सफलताओं को देखते हुए उन्हें 1981 पद्मभूषण Award से सम्मानित किया गया।

1982 कलाम सर को DRDO का Director बनाया गया।

इसके बाद APJ अब्दुल कलाम Space और Missile प्रोग्रामों से जुड़े और वहीं से उन्हें Missile Man of India के नाम से जाना जाने लगा।

1985 में उन्होंने त्रिशूल नाम की Missile Launch करी।

1988 में पृथ्वी Missile Launch करी।

1990 में पद्म विभूषण Award से सम्मानित किया गया।

उसके बाद कलाम सर ने अग्नि Missile पर अपना Focus किया क्यूँकि Agni Missile का लॉंच बार-बार Fail हो रहा था। और अब लोग अग्नि Missile का मज़ाक़ भी बनाने लग गए थे। और वर्ष 1989 के ख़त्म होने से पहले अग्नि Missile का सफ़ल परीक्षण करके कलाम सर ने फ़िर से Prove कर दिया कि वो अपने काम में कितने काबिल हैं।

7. सातवी बात हमें ये सीख़ने को मिलती हैं कि जब लोग आपका या आपके काम का मज़ाक़ उड़ाए तो उन्हें अपनी बातों से नहीं अपने काम के परिणामों से जवाब देना चाहिए।

1993 में कलाम सर और उनकी टीम ने PSLV (Polar Satellite Launch Vehicle) को भी सफलतापूर्वक लॉंच कर दिया।

1997 में डॉक्टर APJ अब्दुल कलाम को भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

1998 में कलाम Sir  ने पोखरन NuClear Test को सफल बनाने में मुख्य भूमिका निभाई या ये कहना ग़लत नहीं होगा की कलाम Sir के कारण ही भारत Newclear Power बनने के सपने को पूरा कर सका। 

1998 में अटल बिहारी वाजपायी जी ने कलाम सर को होम Minister बनने के लिए अप्रोच किया लेकिन कलाम सर ने बड़ी ही विनम्रता से ये कहते हुए इस पद को अस्वीकार कर दिया कि मैं भारत के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए स्टूडेंट्स को पढ़ाना चाहता हूँ। और साउथ की AnnaMalai University में पढ़ाने चले गए।

8. आठवीं बात हमें ये सीख़ने को मिलती हैं कि उस काम के लिए सब कुछ त्यागा जा सकता हैं जिसे करना आप Enjoy करते हों।

Dr APJ अब्दुल कलाम कभी राजनीति से नहीं जुड़े लेकिन बावजूद इसके 18 July 2002 को भारत को उनके रूप में देश के 11वे राष्ट्रपति मिले। 

 

Interest & Personality:

कलाम सर Vegetarian थे और उनका पशु-पक्षियों से बहुत लगाव था।

एक बार कलाम सर ने अपने सारे परिवार को भोज़न के लिए राष्ट्रपति भवन बुलाया क़रीब-क़रीब 52 लोग आए और वो 8 दिन तक वो राष्ट्रपति भवन में रुके जिसका ख़र्च क़रीब-क़रीब 3.5 लाख़ आया। कलाम सर ने वो सारा पैसा अपनी कमाई से ये बोलते हुए Pay किया कि राष्ट्रपति भवन की सुविधाए सिर्फ़ राष्ट्रपति के लिए हैं। उनसे मिलने आने वाले लोगों के लिए नहीं।

9. नौवीं बात जो हम उनकी Story से सीख़ सकते है वो ये हैं कि ईमानदारी से बड़ा क़ोई धर्म नहीं हैं।

Kalaam Sir की एक आदत जो उन्हें औरों से भिन्न करती हैं वो ये हैं कि कलाम Sir, Books के अलावा कोई और गिफ़्ट को Accept नहीं करते थे। 

President के पद से Retire होने के बाद भी उन्होंने काम करना नहीं छोड़ा और IIT हैदराबाद में Professor की Position पर कार्यरत रहें। 

Retirement के बाद कलाम Sir अपना ख़र्चा अपनी Books की Royalty और Pension से मिलने वाले पैसों से ही चलाते थे।

 

Dr APJ अब्दुल कलाम ने कई किताबें भी लिखी:

जैसे:

  • The Missile Man of India, 
  • India 2020: The vision for the new Millennium 
  • The wings of fire – An autobiography

 

Death:

कलाम Sir Students के Future और India के बारे में सबसे ज़्यादा बात करते थे। और उन्होंने अपनी अंतिम साँसे भी IIM शिल्लोंग़ में Students को लेक्चर देते हुए ली।

आपको जानकर हैरानी होगी कि संपति नाम पर उनके पास से सिर्फ़

  •  2500 Books
  • 3 Suits
  • 6 Shirts
  • 4 Trousers 
  • 1 Wrist Watch
  • 1 Pair of Shoe
  • 1 Veena
  • 1 CD Player
  • 1 Laptop मिला

उनके पास न क़ोई AC था, न फ़्रिज और न ही उनके घर में क़ोई TV था।

 

कलाम सर कि ये कहानी बहुत सारे भ्रमों को तोड़ती हैं:

  1.  सरकारी स्कूल से पढ़ाई करके भी बड़ी achievements प्राप्त करना सम्भव हैं।
  2. Studies और Job दोनों साथ-साथ किए जा सकते हैं।
  3. लाइफ़ में असफ़ल होना स्वाभाविक हैं।
  4. गरीब होने का मतलब ये नहीं की जीवन में कुछ बड़ा नहीं कर सकते।
  5. आप अपनी क़ाबिलियत के दम पर आगे जाते हैं बाहरी दिखावे की वजह से नहीं।
  6. बार-बार असफल होने का मतलब ये नही होता कि कार्य असम्भव हैं।
  7. ईमानदारी सबसे बड़ा सिद्धांत हैं।

 

कलाम सर के एक Quote के साथ इस Blog को समाप्त करते हैं:

“You have to dream before your dreams come true!”

 

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जाने से पहले आपके लिए एक सवाल?

क्या आपको पता हैं कि कलाम Sir के पास कितनी Doctorates की degrees थी?

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मिलते हैं फिर एक नए Blog या Story के साथ।

 

आपका मित्र 

एम॰ के॰ मौर्यावंशी