Annie Shiva (ऐनी शिवा), एक ऐसी स्त्री और उसके संघर्ष की कहानी जो किसी भी स्त्री को उसकी ताक़त का आइना दिखाने के लिए काफ़ी हैं:
एक 18 Years की लड़की जिसे अपनी उम्र के इसी पड़ाव में एक लड़के से प्यार हो जाता हैं और वो अपनी फ़ैमिली के ख़िलाफ़ जाकर, उससे शादी करके उसके साथ रहने लगती हैं। और उसका ये विश्वास हैं कि जिस इंसान से उसने प्यार किया और शादी की हैं, वो इंसान उसके लिए सबसे अच्छा हैं।
लेकिन ऐनी का दुर्भाग्य ऐसा कि जिस इंसान से उसने प्यार किया था वो इंसान उसे छोड़ देता हैं और सिर्फ़ उसको नहीं बल्कि उसके बच्चे को भी जो मासूम अभी सिर्फ़ 6 महीने का हैं।
ऐसी स्थिति में न समाज उसको समाज स्वीकार कर रहा हैं और न ही उसका परिवार।
उसके पास जाने के लिए क़ोई जगह नहीं हैं लेकिन उसको फ़िर भी अपने 6 महीने के बच्चे का पेट भरना हैं।
सोचिए अगर आप ऐसी स्थिति में हो तो क्या करेंगे? हो सकता है कि आपको ये सोच के भी डर लग जाए। लेकिन ये सब जिसने सहा होगा उसके साथ क्या बीती होगी?
और जैसा कि आप जानते हैं ये कहानी हैं Annie Shiva (ऐनी शिवा) की। ये सब होने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और मुसीबतों के सामने दीवार बनकर खड़ी हो गयी।
अपने और अपने बच्चे का का पेट भरने के लिए Annie ने गलियों में Candies, Lemonade और Grocery बेचना शुरू किया, एक दुकान में हैल्पर का काम किया जहाँ वो Students के Project Preparation और Records Maintain करने का काम करती थी। अपने बच्चे के साथ एक छोटी सी Shed के नीचे रहती थी।
पर Annie (ऐनी) ने कभी भीख़ नहीं माँगी और न ही किसी की दया का पात्र बनी।
Annie (ऐनी) कहती हैं मैंने एक असहाय माँ की तरह अपने बेटे को भूख़ से रोते हुए और उसे बिना ख़ाना खाए सोते हुए देख़ा हैं।
कई बार तो दिन में एक वक्त का ख़ाना मिलना भी हमारे लिए बड़ी बात थी।
उन्होंने अपने सपने और अपनी पढ़ाई को कभी अपने हाथ से छूटने नहीं दिया। इतनी विपरीत स्थितीयों के बाद भी उन्होंने Sociology में अपनी Graduation पूरी की। वो अपने बेटे Shivasurya (शिवसूर्या) के साथ कभी काम तो कभी अपनी पढ़ाई के लिए भटकती रहीं।
पर उन्होंने कभी अपनी मानसिकता को क़मज़ोर होने नहीं दिया। जब-जब ज़िंदगी ने उन्हें पीछे खींचा तब-तब उन्होंने और ज़्यादा हिम्मत दिखाकर अपने आप को फ़िर से वापस खड़ा किया।
Annie (ऐनी) ने अपने आप को Physically इतना Transform कर लिया था कि वो एक लड़के की तरह दिखने लगी थी और लोग उन्हें अपने बेटे के साथ देखकर Annie (ऐनी) को उसका बड़ा भाई समझते थे।
उन्हें ऐसा सिर्फ़ इसलिए करना पड़ा क्योंकि हमारे समाज में आज भी ये समस्या है कि एक अकेली लड़की को क़मज़ोर समझा जाता हैं और कुछ ग़लत लोगों की ग़लत निगाहें हमेशा उनका पीछा करती रहती हैं।
लगातार 14 सालों के संघर्ष और कड़ी मेहनत के बाद भी अपनी Willpower (इच्छाशक्ति) को बनाए रखा और Sub-Inspector का Exam लिखा। अपने काम के साथ साथ लगातार एक दिन में Multiple Hours पढ़ाई में लगाए और Finally, Kerala Police में Sub-Inspector की Post पर Appoint हुईं।
आज Annie (ऐनी) अपने दम पर अपनी सारी Problems से बाहर हैं और अपने बेटे के साथ एक अच्छी ज़िंदगी जी रही हैं।
वो इस बात से खुश हैं कि उन्होंने ये सब अपने दम पर किया और वो कहती हैं कि मेरी ये कहानी बहुत सारे लोगों के लिए एक Hope और Inspiration का काम करेगी।
I hope की इस story को देखने के बाद, आप अपने दुखों को कुछ समय के लिए ज़रूर भूल गए होंगे। क्योंकि आपकी ज़िंदगी के संघर्षो से ज़्यादा संघर्षो से भरी ज़िंदगी और भी हैं।
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एम॰ के॰ मौर्यावंशी